मंगलवार, 30 जनवरी 2018

विकास संचार बनाम संचार विकास

संचार का विकास एवं विकास संचार में व्यापक अंतर है। संचार के विकास से तात्पर्य संचार माध्यमों (समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, टेलीविजन चैनलों, रेडियो स्टेशनों और अन्य संचार नेटवर्को ) के विकास से है, जबकि विकास संचार का अर्थ किसानों, महिलाओं, युवाओं, कामगारों व समाज के कमजोर वर्गो के जीवन स्तर को बेहतर बनाने हेतु संचार की मदद विकास को विस्तार देने से सम्बन्धित है। विकास के लिए किए जाने वाले प्रत्यत्नों का संचार प्रमुख अंग है। लोगों को विकास कार्यक्रमों के प्रति सचेत करना तथा उनकी सहभागिता सुनिश्चत करना विकास संचार का उद्देश्य है, क्योंकि विकास प्रक्रिया तभी सार्थक होती है, जब उसमें लोगों की भागीदारी होती है।

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विकास संचार, जनसंचार की प्रमुख शाखा के रूप में तेजी से उभरा। संचार विशेषज्ञों ने सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक खुशहाली के लिए विकास संचार विषय पर केंद्रीय अनुसंधान किया तथा मानव जीवन को परिवर्तित कर बेहतर वातावरण एवं स्थितियों के निर्माण में दिलचस्पी दिखायी। इसका उद्देश्य समाज का पिछड़ापन दूर करना, नए विचारों व नई प्रौद्योगिकी को स्वीकार करने के लिए लोगों को तैयार करना है। यहीं कारण है कि 21वीं शताब्दी में विकास संचार एक प्रबल शक्ति माना जाता है।

विकास संचार के संदर्भ में विशेषज्ञों की अलग-अलग धारणाएं है। कुछ विद्वानों का मानना है कि संगठित सूचना प्रवाह या प्रणाली ही विकास संचार है। कुछ विद्वानांे का मानना है कि विकास संचार को संस्कृृति एवं सामाजिक परिवर्तनों के विविध पक्षों से अलग करके नहीं देखा जा सकता है, जो लोग विकास संचार को संदेश सम्प्रेषण की प्रक्रिया तक सीमित रखते हैं, तो उचित नहीं है, क्योंकि यह आधुनिकीकरण की एक प्रक्रिया मात्र हैं, जिसे दूसरे शब्दों में प्रौद्योगिकी का प्रसार एवं उसे अपनाया जाना, लोगों में कुछ मूल्यों, पद्धतियों एवं व्यवहारों का समावेश करना है। संचार या सूचना लोगों को उत्प्रेरित करने वाले औजार हैं, जो आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में साहयक हो सकते हैं। यह उत्प्रेरक संचार, लोगों तक विकास सम्बंधी विचारों एवं प्रौद्योगिकी को लक्षित आडियंस या लोगों तक पहंचाती है। इस प्रकार आधुनिकीकरण प्रारूप् में विकास संचार प्रेरित करने वाली मार्केटिंग या विक्रय प्रक्रिया है।

लेकिन इस विकास संचार के मार्केटिंग मॉडल्स के आलोचक इसे पश्चिमी प्रौद्योगिकी वाली विचारधारा मानते हैं। इनका मत है कि लोगों का इस मॉडल के प्रति प्रेरित करने वाले अभियान लोगों का इस ओर ध्यान नहीं दिलाते जिस सांस्कृृतिक संदर्भ में वे जाते हैं। इनका यह भी मानना है कि विशाल विकास परियोजनाओं में भारी धनराशि नियोजित की जाती है। इसलिए ये परियोजनाएं जिनको लक्षित करके तैयार की जाती है, उनका अधिक हित नहीं करती है। उनका कहना है कि जिन विकासशील देशों में यूरोपीय लोग कार्य करते हैं, उसके लिए इन देशों में विशेषज्ञता उपलब्ध है। इसके अलावा इन विकासशील देशों के भ्रष्ट नेता एवं सरकारी कर्मचारी, विेश्शी सहायता के नाम पर धन कमाते हैं। इसलिए गरीबी एवं अमीरी के बीच का फासला बढ़ता है। इसलिए इन आलोचकों का मत है कि विकास संचार एक मत निर्माण की प्रक्रिया है। यह किसी भी देश्श के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर आधारित नहीं होनी चाहिए तथा किसी देश की संस्कृृति के प्रति संवेदनशील होनी चाहिए। यह मात्र सूचनाएं देने एवं नवीनता का समाहित करने मात्र तक की प्रक्रिया नहीं है। विकास संचार प्रक्रिया में समाज के उन गरीब, कमजोर महिलाओं व अन्य लोगों की भागीदारी होनी चाहिए, जो सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया में एक कोने में ढकेल दिए जाते हें। इस प्रकार विकास संचार का कार्य मात्र सूचना प्रसारित करना नहीं बल्कि संचार के संगठनात्मक मूल्यों को ध्यान में रखना भी है। विकास संचार को सामाजिक कार्यो, सामुदायिक मनोविज्ञान, सामुदायिक संगठन एवं अन्य क्षेत्रों से जो लोगों को शक्तिशाली बनाते हैं, उनसे अवधारणाएं एवं उनके क्रियान्वयन करने की प्रेरणा लेने की जरूरत है।

स्वतंत्रता की विचारधारा वाले लोग विकास संचार को अन्य रूप में परिभाषित करते हैं। इनका मत है कि शोषण एवं दबाव से मुक्ति या स्वतंत्रता, समुदाय एवं व्यक्ति को शक्तिशाली बनाना ही विकास संचार का लक्ष्य होना चाहिए। इसलिए विकास संचार, संदेश्शों को आदान-प्रदान नहीं बल्कि यह व्यक्ति एवं समाज को ऊंचा उठाने की प्रक्रिया है। इस प्रकार समाज का उत्थान होने से यह अपने भविष्य के निर्माण करने की दिशा में स्वतंत्र होगा। इसमें हर व्यक्ति की भागीदारी होनी चाहिए। यह माना गया है कि जब लोगों को शोषण के स्रोत एवं अपनी शक्ति के स्रोत का ज्ञान हो जायेगा तो वे अपनी समस्याओं का निदान स्वयं करने लगेंगे। लोगों के बीच या छोटे समूहों के बीच जब संवाद कायम होगा तो लोगों में अपनी शक्ति के प्रति जागृृति आयेगी। यह संचार प्रक्रिया, विकास में भागीदारी निभाने वाले लोगों के सामने उन मुद्दों को उद्घाटित करेगी, जो उनके लिए अहम हैं।

विकास संचार का क्षेत्र अत्यंत व्यापक है। इसमें शैक्षणिक संचार, जनसंख्या एवं स्वास्थ्य संचार, वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी संचार, कृृषि संचार, पर्यावरण संचार, ग्रामीण संचार आदि शामिल है। विकास सम्बन्धी प्रतिवेदनों, स्पष्टीकरणों, विचार-विमर्शो, विश्लेषणों, मूल्यांकनों आदि के सभी पक्षों पर ध्यान देकर विकास कार्यो को ऊर्जा देने का प्रयास किया जाता है। विकास संचार विशेषज्ञों का मानना है कि- भाग्य कभी ऊपर से नहीं टपकता है। व्यक्ति को स्वयं प्रयत्न करके अपने भाग्य का उदय करना पड़ता है। जनसंचार के क्षेत्र में यह धारणा है कि व्यक्ति स्वयं अपनी स्थितियों में परिवर्तन ला सकता है। विकास के विभिन्न प्रकारों में ग्रामीण संचार पर विशेष जोर दिया जाता है, क्योंकि जहां विकास की सर्वाधिक जरूरत ग्रामीण क्षेत्रों में होती है, वहीं विकास संचार का अधिक महत्व होता है।
Source:- http://bjmc220406.blogspot.in/2016/02/blog-post.html

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