गुरुवार, 9 नवंबर 2017

सूचना क्रांति

सूचना क्रांति (information revolution) वर्तमान समय के आर्थिक, सामाजिक एवं तकनीकी प्रगति को इंगित करता है जो औद्योगिक क्रांति के अतिरिक्त है।

सूचना क्रांति के सिद्धान्त

·         आर्थिक गतिविधियों के उद्देश्य को पदार्थउर्जा तथा सूचना के मौलिक भेद के अनुसार समझा जा सकता है।
·         सूचनाउत्पादन का एक घटक (factor of production) भी है और एक बाजार में बेचा जाने वाला उत्पाद (product) भी है।
·         सभी उत्पादों का 'उपयोग मूल्य', 'विनिमय मूल्य' एवं 'सूचना मूल्य' होते हैं। सूचना मूल्य को उस उत्पाद में निहित 'सूचना' (नवाचार, डिजाइन आदि के रूप में) द्वारा मापा जा सकता है।
·         सभी उद्योग सूचना-उत्पादक कार्य करते हैं जिसे 'अनुसंधान तथा विकास' (Research and Development (R&D)) कहते हैं।
·         कम्पनियाँ (और सम्पूर्ण समाज) सूचना-नियंत्रण एवं सूचना-प्रक्रमण (information control and processing) करते हैं जो उनके 'प्रबन्धन ढांचों' के रूप में होता है। इनको 'सफेद कॉलर कर्मिक', 'ब्यूरोक्रैसी', प्रबंधन-कार्य' आदि कहते हैं।
·         श्रम को उसके उद्देश्य के अनुसार दो भागों में बांट सकते हैं - सूचना श्रमिक एवं गैर-सूचना श्रमिक।

·         सूचना से संबन्धित गतिविधियाँ अब एक नया और बड़ा आर्थिक सेक्टर हैं। पारम्परिक 'प्राथमिक सेक्तर', 'द्वितियक सेक्टर' एवं 'तृतीयक सेक्टर' के अलावा अब सूचना सेक्टर का भी अस्तित्व है।

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